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जब से सुना वो हर जगह साथ है न जाने क्यूँ मुझे अकेलेपन से मोहब्बत हो गई…
प्रेम का अर्थ ‘एक’ हो जाना है जहाँ दो हैं वहाँ ‘प्रेम’ नहीं
प्रेम की उच्चत्तम ऊंचाई प्रेम का भक्ति बन जाना..
“मोहब्बत का रूतबा तुम क्या जानो
कान्हा.. अगर तुम्हारी बंशी में दर्द है,
तो मेरी आंखों में भी इश्क हैं
श्री राधे💕
नजरों से गिराना न चाहे जितनी सज़ा देना। नज़रो से जो गिर जाये मुश्किल ही सम्भल पाये राधे ,
बड़ी दूर किनारा है, कश्ती भी पुरानी है
लाड़ली जी सुन भी तो लो, क्या मेरी कहानी है
पापों से भरी हूँ मै, छोड़ों फिर भी रख लो
कुछ पास नहीं मेरे, आंसूं गिरवी रख लो
आजमा कर तो देखो, हरिदासी पुरानी है
लाड़ली सुन भी तो लो, क्या मेरी कहानी है..
प्रेम यदि पक्का हो तो विवाद चाहे कितना भी गहरा हो, संबंध शेष रह ही जाता है।
नामसंकीर्तनं यस्य सर्वपापप्रणाशनम्।
प्रणामो दुःखशमनस्तं नमामि हरिं परम्॥
जिन भगवान के नामों का संकीर्तन सारे पापों को सर्वथा नष्ट कर देता है और जिन के चरणों में प्रणाम सर्वदा के लिए सब प्रकार के दुःखों को शांत कर देता है, उन्हीं परमतत्त्वस्वरूप श्रीहरि को मैं नमस्कार करता हूँ।
सांवरे से प्रेम में एक बात सीखी है उनकी भक्ति के बिना ये सारी दुनिया फीकी हैै।
दुनिया के झूठे रिश्तों से मैं तपती हूं इसलिए सांसों की माला पर तेरा नाम जपती हूं।
जिसके बिना एक वक़्त नहीं गुजरता,
उसके बिना जिंदगी गुजारनी पड़ती है ।।
Must Read Radha Krishna Quotes: Unconditional Love Radha Krishna Quotes
हर पल तुम्हारा इंतज़ार करती रहूंगी, किसी रोज़ तो तुम आओगे, कान्हा तुम भी तो हमसे प्रेम करते हो, आखिर कब तक रुलाओगे ?
जो व्यक्ति खुद पर भरोसा करता है, उसे दुनिया में कोई हरा नहीं सकता।
समय पर बुद्धि और बल तो अपना ही काम आता है।
मेरा और उसका कुछ ऐसा किस्सा है मेरी छोटी सी दुनिया का वो खूबसूरत सा हिस्सा है
मैंने संत मीराबाई जी से सीखा है.
“मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो ना कोई “
और ये सीख कर मै इस बात पर रुक गया कि अपना गिरधर गोपाल और कोई नहीं।
पग पग तेरा है आसरा,
हर पग पर तेरा है साथ
पग पग पे है रक्षा करती
राधा है मेरे साथ
खामोशियों में ही राहत़ हैं वरना..
लफ़्ज़ों का सफर इंसान को थका देता है..
नाम भूलूँ, पता भूलूँ, जग की सारी व्यथा भूलूँ, बस राधा नाम कभी न भुलूँ।
ओ गोविंद…
वहीं महसूस करते हैं ,तड़प दर्दे मोहब्बत की,
जो अपने आप से बढ़ कर तुम्हें प्यार करते हैं..
प्रेम है इसलिए नजरअंदाज नहीं करते हैं मोहन
वरना बेरूखी तुमसे कहीं बेहतर जानते हैं हम
गोविन्द….
करूँ मैं तेरी भक्ति, रहे जन्म-जन्म का साथ..
मुझको कुछ भी नहीं चाहिए, थामें रखना मेरा हाथ..
राधे राधे…
वो प्रेम ही क्या जिसमें प्रियतम का दास बन पूजा करने का मन ना करे…?
प्रेमी के संग इन्द्रिय तृप्ति करना प्रेम नही होता ।
वैष्णवों की जूठन, वैष्णवों के चरणों का जल, वैष्णवों की चरण धूलि, ये तीनों ही भक्ति की साधना में बल प्रदान करने में बड़े प्रभावशाली हैं।
पाण्डवों सी विवशता आएगी तो हिस्से मे कृष्ण भी आएंगे..
जिंदगी कर न सकी किसी दर्द का इलाज,
सुकून तब – तब मिला.. तेरे सज़दे में जब – जब झुका
यह शरीर सुन्दर नहीं है। यदि ऐसा होता तो प्राण निकल जाने के बाद भी यह सुन्दर लगता।
मन के समक्ष बार-बार उपर्युक्त विचार रखने चाहिए।
शरीर को असत्, मल-मूत्र का भण्डार तथा दुःखरूप जानकर देहाभिमान का त्याग करके सदैव आत्मनिश्चय करना चाहिए।
दूसरों में जो चीज हम ज़्यादा देखते हैं, वही चीज़ हमें उनसे मिलती है। अच्छाई देखो अच्छाई मिलेगी। बुराई देखो.. उसका व्यवहार हमारे साथ बुरा होगा। अपनी दृष्टि से ही अपनी सृष्टि है।
यह शरीर एक मकान से सदृश है, जो थोड़े समय के लिए मिला है। तो इस शरीर से भोग करने की मत सोचिए तपस्या करिए तपस्या का मतलब इस कलियुग में केवल हरे कृष्ण महामंत्र जितना हो सके जपिए..
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
मेरे श्यामा श्याम..
बिखर जाऊँ लफ्जों में या कविता में संवर जाऊँ
कुछ यूँ उतरूँ तुझ में तेरी हर बात में नज़र आऊं..
साँवरे..
दिल जहां पे ठहरा है वो तेरी ही गली है,
सब को छोड़ नज़रें मेरी तुमसे ही मिली हैं..
मेरे कान्हा…
इन आँखों से बता कितना मैं देखुँ तुझे,
रह जाती है कुछ कमी जितना भी देखुँ तुझे..
तू प्रेम से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझमें
मेरे मोहन…
बरसने को बेताब है अखियां वो एक बार इशारा तो करें
श्रीजी…
नहीं आता मुझे यूं तुमसे दूर रहकर सुकून से रहना
हम तो हर पल तुम्हें देखने की ख्वाहिश रखते हैं।
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