रवि पुष्य योग महात्म्य सौभाग्य प्राप्ति के उपाय Ravi Pushya Yoga Mahatmya measures to get good luck in Hindi 

सभी नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यह शुभ मुहूर्त खरीददारी के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। पुष्‍य नक्षत्र के दिन किए गए हर कार्य का उत्तम फल प्राप्त होता है। यदि आप कोई वस्तु खरीदना चाहते हैं और उसे फलदायी बनाना चाहते हैं तो उसे पुष्य नक्षत्र में खरीदिए। हिन्दू धर्म में व्रत, पर्व और त्योहार हैं और सबका अपना एक अलग महत्व होता है। इन सभी पर्वों में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। हर शुभ कार्य के लिए अलग-अलग मुहूर्त होते हैं, लेकिन कुछ मुहूर्त ऐसे होते हैं जो हर कार्य के लिए विशेष होते हैं। इन्हीं में से एक है, पुष्य नक्षत्र जिसे खरीदारी से लेकर अन्य शुभ कार्यों तक शुभ माना जाता है।

पुष्य नक्षत्र के दिन किए गए कुछ टोटके कारगर सिद्ध होते हैं। जिनसे आपकी धन-संपत्ति बढ़ती है और अन्य कई कार्य हैं जो पूर्ण होते हैं। आपको बताते हैं इन्हीं में से कुछ टोटके जिन्हें करने से आपको शुभ फल प्राप्त होंगे। पुष्य नक्षत्र को सभी २२ नक्षत्रों का राजा माना गया है। यह अत्यन्त शुभ नक्षत्र है। प्रभु श्रीराम का जन्म-नक्षत्र होने के कारण पुष्य नक्षत्र की विशेष प्रतिष्ठा है। पुष्य नक्षत्र जब गुरुवार एवं रविवार के दिन होता है तब इसे गुरु-पुष्य एवं रवि-पुष्य संयोग के नाम से जाना जाता है। यह सभी कार्यों के लिए शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त होता है।

रवि पुष्य योग: क्या है रवि पुष्य योग ? जानिये ज्योतिष शास्त्र में इनका महत्व 

रवि पुष्य योग महात्म्य ज्योतिष शास्त्र में कई योग, नक्षत्र और शुभ मुहुर्त के बारे में बताया गया है। जिसमें कोई भी कार्य करना फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इन योग और मुहूर्त में नया कार्य शुरू करने से उसमें लाभ होता है। ऐसे ही दो योग हैं रवि पुष्य योग और गुरु पुष्य योग। आइए जानते हैं कि यह योग क्या है और इनका ज्योतिष में क्या महत्व है।

क्या है रवि पुष्य योग What is Ravi Pushya Yoga in Hindi 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है। यह बहुत ही शुभ नक्षत्र माना गया है। जब यह नक्षत्र रविवार के दिन आता है, तो वार और नक्षत्र के संयोग से जो योग बनता है, उसे रवि पुष्य योग कहते हैं।

रवि पुष्य योग का महत्व (Importance of Ravi Pushya Yoga in Hindi)

किसी भी शुभ कार्यों के लिए यह योग सबसे अच्छा माना जाता है। मुहूर्त हो या नहीं, नक्षत्रों की स्थिति प्रतिकूल हो या अनुकूल हो। इस योग में किया गया कार्य बहुत ही लाभप्रद माना जाता है। इस योग में विवाह नहीं किया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार इस नक्षत्र में धन की देवी मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इस योग में भी विवाह करना वर्जित है। इस योग में भी शुरू किया गया नया कार्य सफल होने की मान्यता है। इस योग में नए कार्य की शुरूआत के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यता नहीं पड़ती है।

यह योग यंत्र सिद्धि के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में पूजा- अर्चना करना भी बहुत फलदायी माना गया है। इस योग में आर्थिक समृद्धि भी आने की मान्यता है।

रवि पुष्य योग में किए जाने वाले काम (Work to be done in Ravi Pushya Yoga in Hindi) 

ज्योतिष में रवि पुष्य योग के दोरान मुख्य रुप से पारंपरिक स्वरुप में कोई दवाई इत्यादि का निर्माण करना बहुत शुभ होता है. इस समय पर बनाई गई औषधी का प्रभाव रोग को जल्द से जल्द समाप्त करने वाला होता है और रोगी को तुरंत लाभ मिलता है. आयुर्वेद में तो यह समय दवाई को बनाने के लिए बहुत ही शुभ अच्छा माना गया है. इसके अलावा विशेष रोग में रोगी को अगर इस समय पर औषद्धि खिलाई जाए तो इसका भी सकारात्मक असर पड़ता है ओर रोग की शांति भी जल्द होती है. रवि पुष्य योग में मंत्र सिद्धि एवं यंत्र इत्यादि बनाने का काम भी उपयुक्त होता है और यह शुभता को बढ़ाता है.

रवि पुष्य योग में इन कार्यों को करना माना जाता है बेहद शुभ (Doing these works in Ravi Pushya Yoga is considered very auspicious)

रवि पुष्य योग समस्त शुभ और मांगलिक कार्यों के शुभारंभ के लिए उत्तम माना गया है। यदि ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो अथवा कोई अच्छा मुहूर्त नहीं भी हो, ऐसी स्थिति में भी रवि पुष्य योग सभी कार्यों के लिए परम लाभकारी होता है लेकिन विवाह को छोड़कर। इस योग में सोने के आभूषण, प्रॉपर्टी और वाहन आदि की खरीददारी करना लाभदायक होता है। रवि पुष्य योग में नए व्यापार और व्यवसाय की शुरुआत करना भी श्रेष्ठ बताया जाता है। इसके अलावा यह योग तंत्र-मंत्र की सिद्धि एवं जड़ी-बूटी ग्रहण करने में विशेष रूप से उपयोगी होता है।

1. इस दिन साधना करने से उसमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है।

2. कार्य की गुणवत्ता एवं उसके प्रभाव में वृद्धि होती है।

3. धन वैभव में वृद्धि होती है।

4. यंत्र सिद्धि के लिए यह शुभ दिन होता है।

5. जन्मकुंडली में स्थित सूर्य के दुष्प्रभाव दूर होते हैं।

6. सूर्य का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन सुर्ख लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है।

7. जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है।

रवि पुष्य योग पर करें ये धार्मिक कर्म और उपाय (Do these religious deeds and measures on Ravi Pushya Yoga in Hindi)

रविवार के दिन गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ होता है।

रविवार के दिन मंदिर में दीपक जलाने से कार्य में आने वाली बाधा समाप्त होती है।

तांबे के लोटे में जल में दूध, लाल पुष्प और लाल चंदन डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शत्रु कमजोर होते हैं।

रवि पुष्य संयोग विशेष उपाय (Ravi Pushya coincidence special remedy in Hindi) 

यदि रवि पुष्य नक्षत्र पर मोती शंख में जल भरकर लक्ष्मी जी की मूर्ति के पास रखा जाए तो अन्नपूर्णा देवी अत्यंत खुश होती हैं। 

1. रवि पुष्य योग के समय माँ लक्ष्मी जी के धन प्राप्ति के मंत्र का जप कमलगट्टे की माला के साथ १०८ बार करें। आपके लिए धन के द्वार खुल जाएंगे।

2. माँ लक्ष्मी को कमल पुष्प अत्यंत प्रिय है अत:उनकी पंचोपचार पूजा विधि या षोडशोपचार पूजा में कमल पुष्प और सफ़ेद मिठाई अर्पित करें।

3. इस पुष्य नक्षत्र के समय अपामार्ग के पौधे का माथे पर तिलक लगाने से आपकी सम्मोहन शक्ति बढ़ेगी। इससे आपकी बातें दूसरे मानने लगेंगे।

4. इस शुभ मुहूर्त में यदि आप धन संचय करने वाली तिजोरी में अपामार्ग की जड़ रखेंगे तो यह तिजोरी आपके लिए भाग्यशाली और धन खींचने का साधन बन सकती है।

5. यह दिन माला से मंत्र जप का सही दिन माना जाता है, आप किसी मंत्र को जाप द्वारा सिद्ध कर सकते हैं।

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