Hare Krishna आग के निकट बैठेंगे तो गर्मी, फूलों के निकट सुगंध, बर्फ के निकट ठण्डका उसी तरह जैसे विचारों व्यक्ति की संगति में बैठेंगे वैसी महसूसता और वैसी स्थिति होने लगेगी
आग के निकट बैठेंगे तो गर्मी, फूलों के निकट सुगंध,
आग के निकट बैठेंगे तो गर्मी, फूलों के निकट सुगंध,
प्रेम कभी अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए नही होता
मेरे प्यारे सांवरिया... हमें मजूर है तेरी हर मेहरबानी फिर
सांवरिया शोर सी है ज़िन्दगी मेरी सुकून सा है इश्क
दिल से लगाए रखना, अपना बनाए रखना, सफर चाहे मुश्किल
दुनिया के साथ छोड़ने की बातें बेअसर हैं जबसे हाथ
क्यू एक दुआ पर अटका रह गया है दिल क्यूं
सांवरिया तुमसे दिल्लगी क्या कर बैठे दिल अब कही लगता
भक्ति और भरोसा भगवान पर इतना करो कि संकट हम
किशोरी जी हर दर्द खामोश हो जाता हैं एक आपकी