Vaishakh Purnima: वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। भगवान बुद्ध के भक्तों के लिए यह पर्व बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे कई अलग-अलग जगहों पर बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने बुद्ध अवतार लिया। बौद्ध धर्म वाले इस दिन शांति और अहिंसा के प्रतीक भगवान गौतम बुद्ध की उपासना करते हैं, उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं।

पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है इसलिए इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से जातक को कई लाभ हो सकते है। इसके अलावा, इस साल वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्रग्रहण भी लग रहा है। लेकिन, भारत में इसका प्रभाव नहीं होता इसलिए चंद्रमा की पूजा में कोई अवरोध नहीं आएगा।

वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को वैशाखी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, इस विशेष दिन भगवान विष्णु की पूजा और पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। वैशाख पूर्णिमा की पावन तिथि पर पवित्र सरोवर या नदी में स्नान, दान, ध्यान, जप, व्रत और तर्पण आदि करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त होता है। इस शुभ दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा कर भगवान विष्णु को चंदन का लेप, सुपारी, फल, फूल, केले के पत्ते आदि चढ़ाना भी अति शुभ माना गया है। वैशाख पूर्णिमा पर सत्य विनायक व्रत भी किया जाता है, मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने अपने प्रिय मित्र सुदामा को सत्य विनायक का व्रत रखने को कहा था, जिसे करने के बाद उनकी गरीबी दूर हुई थी।

चंद्रमा की पूजा का महत्व (Importance of worshiping the moon) 

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। ग्रंथों में बताया गया है कि पूर्णिमा पर चंद्रमा को दिया गया अर्घ्य पितरों तक पहुंचता है, जिससे पितृ संतुष्ट होते है। चंद्रमा की पूजा से मन को नियंत्रण में करने की शक्ति प्राप्त होती है जिससे काम को बेहतर ढंग से कर पाता है और दूसरों की साइकोलॉजी समझने में आसानी होती है। मान्यता है कि पूर्णिमा की रात औषधियों को चंद्रमा की रोशनी में रखकर अगले दिन खाना चाहिए, इससे व्यक्ति निरोगी रहता है। बीमारियों में राहत भी मिलने लगती है।

वैशाख पूर्णिमा का महत्व (Significance of Vaishakh Purnima in Hindi) 

1. वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने का विशेष महत्व होता है।

2. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है।

3. इस दिन व्रत करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

4. इस पावन दिन को बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है

वैशाख पूर्णिमा पूजा विधि (Baisakh Purnima Puja method) 

1. वैशाख पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं।

2. इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

3. भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें।

4. इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा भी की जाती है।

5. दिन भर भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

6. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें।

वैशाख पूर्णिमा के उपाय (Vaishakh Purnima ke upay) 

इस दिन हनुमानजी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ काना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा, पूर्णिमा की पावन तिथि को मां लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में 11 पीली कौड़ियां, गोमती चक्र रखें। पूजा के बाद ये चीजें तिजोरी में रखें। शास्त्रों की मानें तो, इस दिन घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा करना बहुत ही शुभ मानी जाती है।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय 

अगर आपका कोई काम लंबे समय से रुका हुआ है, तो बुद्ध पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें, ये बहुत ही अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है, साथ ही गंगाजल का घर में छिड़काव करने से नकारात्मकता का नाश भी हो जाता है।

Vaishakh Purnima ke upay: इस दिन चंद्र देव का ध्यान अवश्य करें। एक चांदी के प्लेट में घी का दीपक और धूप जलाएं। इसमें मखाने और छुहारे रखें और चंद्रमा को रात्रि में अर्घ्य दें। साथ ही साबूदाने की खीर भी चढ़ाएं और चंद्रदेव का ध्यान करें। इससे चंद्रदेव के आशीर्वाद की प्राप्ति होगी और आपके सभी रुके हुए काम पूरे हो जाएंगे। इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाएं, अंजली भर जल लेकर काले तिल मिलाकर पितरों के नाम से अर्पित करें। ऐसा करने से कलह-कलेश और अशांति दूर हो जाती है।

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