अजवाइन के फ़ायदे और नुकसान | benefits and Harms of ajwain अजवाइन के उपयोग 

सर्दियों के मौसम में सर्द से बचने के लिए अजवायन एक सफल औषधि है यह एक उत्कृष्ट एंटी-ऑक्सिडेंट है अजवायन मोटापे को कम करने में भी मदद करती है जंगली अजवायन की पत्ती का तेल श्रेष्ट माना गया है प्रतिरक्षा प्रणाली को दृढ़ करता है ये श्वसन किर्या को दुरुस्त करता है जोड़ों और मांसपेशियों का लचीलापन बढाता है और त्वचा को संक्रमण से बचाता है अजवायन का उपयोग औषिध के रूप में मुख्यत: उदर एवं पाचन से समबन्धित विकारों तथा वात व्याधियों को दूर करने में किया जाता है

अजवायन ही एक ऐसी चीज या औषधि है जो अकेली ही सौ प्रकार के खाद्य पदार्थों को पचाने वाली होती है अनेक प्रकार के गुणों से भरपूर अजवायन पाचक रूचि कारक,तीक्ष्ण, कढवी, अग्नि प्रदीप्त करने वाली, पित्तकारक तथा शूल, वात, कफ, उदर आनाह, प्लीहा, तथा क्रमि इनका नाश करने वाली होती है

अजवायन की पत्ती में एंटी बैक्टीरियल गुण है जो कि संक्रमण से लड़ने में मदद करता है अजवायन में लाल मिर्च की तेजी+राई की कटुता तथा हींग और लहसुन की वातनाशक गुण एक साथ मिलते है इस लिए यह गुणों का भंङार है यह उदर शूल, गैस, वायुशोला, पेट फूलना, वात प्रकोप आदि को दूर करता है इसी कारण इसे घर पर छुपा हुआ वैध्य भी कहा गया है अति गर्म प्रकृति वालों के लिए यह हानिकारक होती है

आमतौर पर अजवाइन का इस्‍तेमाल नमकीन पूरी, मठ्ठी, नमक पारे और पराठों का स्‍वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन अजवाइन के छोटे-छोटे बीजों में ऐसे गुणकारी तत्‍व मौजूद हैं, जिनसे आप अब तक अंजान हैं. अजवाइन सर्दी-जुकाम, बहती नाक और ठंड से निजात पाने की अचूक दवा मानी जाती है. यही वजह है कि औषधीय गुणों से भरपूर अजावाइन हर भारतीय रसोई में जरूर पाई जाती है. इसका सेवन करने से सिर्फ बदन और पेट दर्द ही नहीं बल्कि मोटापे से भी मुक्ति मिलती है. जानिए अजवाइन के सेवन से जुड़े गजब के फायदे…

आइये जाने इसके क्या प्रयोग है और फायदे 

1. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अजवाइन जरुर खानी चाहिए क्युकि इससे ना सिर्फ खून साफ रहता है बल्कि यह पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को संचालित भी करता है

2. यदि अधिक शराब पी लेने से अगर व्यक्ति को उल्टियाँ आ रहीं हो तो उसे अजवाईन खिलाना बेहतर होगा इससे उसको आराम मिलेगा और भूंख भी अच्‍छी तरह से लगेगी

3. कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से आराम मिलता है

4. गुड़ और पिसी हुई कच्ची अजवाइन समान मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच रोजाना 4 बार खायें। इससे गुर्दे का दर्द भी ठीक हो जाता है

5. शरीर में दाने हो जाएं या फिर दाद-खा़ज हो जाए तो अजवाइन को पानी में गाढ़ा पीसकर दिन में दो बार लेप करने से फायदा होता है- घाव और जले हुए स्थानों पर भी इस लेप को लगाने से आराम मिलता है और निशान भी दूर हो जाते हैं

6. गठिया के रोगी को अजवाइन के चूर्ण की पोटली बनाकर सेंकने से रोगी को दर्द में आराम पहुंचता है अजवाइन का रस आधा कप में पानी मिलाकर आधा चम्मच पिसी सोंठ लेकर ऊपर से इसे पीलें इससे गठिया का रोग ठीक हो जाता है

7. जिन बच्चे को रात में पेशाब करने की आदत होती है उन्हें रात में लगभग आधा ग्राम अजवाइन खिलायें

8. दो चम्मच अजवाइन को 4 चम्मच दही में पीसकर रात में सोते समय पूरे चेहरे पर मलकर लगाएं और सुबह गर्म पानी से साफ कर लें चेहरा साफ़ होता जाएगा और मुहांसे से भी निजात मिलेगी

9. अजवाइन, सेंधानमक, सेंचर नमक, यवाक्षार, हींग और सूखे आंवले का चूर्ण आदि को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं

10. मासिक धर्म के समय पीड़ा होती हो तो 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन लेने से दर्द मिट जाता है मासिक अधिक आता हो, गर्मी अधिक हो तो यह प्रयोग न करें सुबह खाली पेट 2-4 गिलास पानी पीने से अनियमित मासिक स्राव में लाभ होता है

11. जुकाम के साथ हल्का बुखार हो तो देशी अजवाइन 5 ग्राम, सतगिलोए 1 ग्राम को रात में 150 मिलीलीटर पानी में भिगोकर, सुबह मसल-छान लें फिर इसमें नमक मिलाकर दिन में 3 बार पिलाने से लाभ मिलता है-अजवाइन का रस आधा कप इसमें इतना ही पानी मिलाकर दोनों समय (सुबह और शाम) भोजन के बाद लेने से दमा का रोग नष्ट हो जाता है

12. एसिडिटी की तकलीफ है तो थोड़ा-थोड़ा अजवाइन और जीरा को एक साथ भून लें फिर इसे पानी में उबाल कर छान लें इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं-एसिडिटी से राहत मिलेगी

13. अजवाइन+अदरक (सोंठ) पाउडर और काला नमक 2-2 और 1 के अनुपात में मिलाएं भोजन करने के बाद एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें तो पेट दर्द व गैस की समस्या में आराम मिलेगा अशुद्ध वायु का बनना व सर में चढ़ना ख़त्म होगा

14. अजवाइन को भून व पीसकर मंजन बना लें-इससे मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं-अजवायन के तेल की कुछ बूंदें गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन कम होती है

15. अजवायन, सौंफ, सोंठ और काला नमक को बराबर मात्रा में मिलाकर देसी घी के साथ दिन में तीन बार खाएं तो भूख लगने लगेगी

16. शाम को अजवायन को एक गिलास पानी में भिगोएं सुबह छानकर सिर्फ उस पानी में शहद डालकर पीने से मोटापे को कम करने में मदद होती है

17. खांसी-जुकाम में चुटकी भर काला नमक, आधा चम्मच अजवायन, और दो लौंग इन सब को पिस कर गुनगुने पानी के साथ दिन में कई बार पीने से अदभुत लाभ मिलता है यह एक रामबाण दवा है

18. आधा कप पानी में आधा चम्मच अजवायन और थोड़ी सी हल्दी पाउडर डालकर उबाले और ठंडा करें और इसमें एक चम्मच शहद डालकर पीएं और गर्म पानी में अजवायन डालकर इसका भाप लें-इस से छाती में जमा कफ निकल जाता है

19. शीत-पित्ती की बीमारी के लिए अजवायन के फूल को गुड के साथ मिला कर पानी से लेने से पित्ती ठीक होती है-अजवायन का चूर्ण गेरु में मिलाकर शरीर पर मलने से पित्ती में तुरन्त लाभ होता है

20. बेर के पत्तों और अजवायन को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी से गरारे करने पर खांसी में लाभ होता है

21. जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल में अजवायन डालकर अच्छे से गर्म करें व छान ले और इससे जोड़ों की मालिश करे इससे आराम होगा

22. अजवायन एक प्रबल कीटनाशक है आँतों में कीड़े होने पर अजवायन के साथ काले नमक का सेवन करने पर पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं-अजवायन का चूर्ण और गुड समान मात्रा में मिलकर गोली बनाकर दिन में दो तीन बार खिलाने से भी पेट के सभी प्रकार के कीडे नष्ट हो जाते है-सुबह दस-पन्द्रह ग्राम गुड खाकर दस-पन्द्रह मिनट बाद एक से दो ग्राम अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ ले-इससे भी आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे मर कर मल के साथ बहार निकल जायेंगे।

23. अजवायन के फूल (सफ़ेद दाने के रूप में बाज़ार में उपलब्ध) का चूर्ण पानी में मिलाकर उस घोल से घाव, दाद, खुजली, फुंसियाँ आदि धोने पर ये चर्मरोग नष्ट होते हैं

24. अजवायन का प्रसव के बाद अग्नि की प्रदिप्त करने और भोजन को पचाने, वायु एवं गर्भाशय को शुद्ध करने के लिए सभी परम्परागत भारतीय परिवारों में लड्डू बना कर खिलाया जाने की परंपरा है यह चमत्कारी लाभ देता है प्रसूति स्त्रियों को अजवायन व गुड मिलाकर देने से भूख बढ़ती है प्रसव के बाद अजवायन के प्रयोग से गर्भाशय शुद्ध होता है-गर्भाशय पूर्वास्थिती में आ जाता है और दूध ज्यादा बनता है-बुखार व कमर का दर्द ठीक करता है इससे खराब मासिक चक्र ठीक भी हो जाता है।

25. पान में अजवायन को डाल कर खाने से पुरानी खांसी ठीक होती है तथा दोपहर को भोजन के बाद पिसी 2 – 3 ग्राम अजवायन लेने से खाना आसानी से हजम होता है-।

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अजवाइन (carom seeds) के बहुत से स्वास्थ लाभ हैं जिनमे से हमने कुछ अभी देखें| लेकिन इसको खाने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं अगर कुछ बातों का ध्यान रखा नही जाए आइये देखते है इसके नुकसान क्या है 

अजवाइन के नुकसान 

इसको ज़्यादा मात्रा में लेने से मुहँ के छाले, पेट में जलन हो सकती है| इसलिए इसका उपयोग 1 दिन में 8 से 10 ग्राम से ज़्यादा नहीं करना चाहिए

अगर आप पहले से पेट से जुड़ी किसी समस्या का इलाज करा रहे हैं या दवाई ले रहे हैं, तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए

बताई गयी मात्रा से अधिक अजवाइन का सेवन करने से असिडिटी बढ़ जाती है

अजवाइन के नुकसान और सेवन से जुड़ी सावधानियां 

क्या गर्भावस्था के समय अजवाइन का सेवन करना चाहिए ?

गर्भावस्था के दौरान अजवाइन के सेवन से परहेज करना चाहिए। अगर आप औषधि के रूप में इसका सेवन करना चाहती हैं तो चिकित्सक की सलाह के अनुसार सेवन करें।

क्या अजवाइन का सेवन ब्रेस्ट फिडिंग या स्तनपान के दौरान लेना सेफ होता है ?

अजवाइन में गैलाक्टागोगुई (galactogogue)और एस्ट्रोजेन का लेवल बहुत ज्यादा होता है जो स्तनपान के लिए दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद करती है। इसलिए स्तनपान करवाने वाली मां के लिए अजवाइन का सेवन करना सुरक्षित होता है। अजवाइन को खाने में डालकर इसका सेवन करना सेफ होता है। इससे अजवाइन के फायदे भी सेहत को मिलता है।

वाह्य

अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो अजवाइन का या उसके पत्ते का पेस्ट शहद या किसी शीत पदार्थ के साथ मिलाकर ही त्वचा पर लगायें।

अजवाइन के साइड इफेक्ट (ajwain side effects) से बचने के लिए या अजवाइन के गर्म तासीर के कारण अजवाइन सीड ऑयल या पेस्ट को नारियल तेल के साथ मिलाकर ही शरीर पर लगाये।

आंतरिक

डॉक्टर के निर्देशनुसार ही अजवाइन का सेवन करें नहीं तो अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज़ या एसिड रिफ्लैक्स हो सकता है। यानि डॉक्टर के निर्देशानुसार अजवाइन के सेवन नहीं करने से अजवाइन के नुकसान से सेहत को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

अगर मेल इन्फर्टिलिटी का प्रॉब्लम है तो अजवाइन के सेवन से बचना चहिये।

अगर इंटरनल ब्लीडिंग या अल्सेराटिव कोलाइटिस है तो अजवाइन का सेवन न करें।

अजवाइन के गर्म प्रभाव के कारण गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

अजवाइन के नुकसान (ajwain side effects in hindi) :

अजवाइन के एक साइड इफेक्ट (ajwain side effects in hindi) के बारे में तो हमने पहले ही बात की है कि गर्भवती महिलायों को इसके सेवन से बचना चाहिए। इन स्थितियों के अलावा अगर आपने अजवाइन निश्चित मात्रा से भी ज्यादा लिया तो उल्टी, मतली और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।

जिन लोगों को अजवाइन से एलर्जी होती है उनको सर्दी, रैशेज या पित्त हो सकता है। इसलिए अजवाइन का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर कर लें। यहां तक कि अत्यधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन करने से त्वचा संवेदनशील हो सकती है जो बाद में स्किन कैंसर होने का कारण बन सकता है। अजवाइन के नुकसान और उसके साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए अजवाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें।

इन सब बातों के अलावा क्या आपको पता है कि अजवाइन को कैसे संरक्षित करना चाहिए ?

ठंडा और सूखे जगह पर ढक्कनबंद जार में अजवाइन को रखना चाहिए। नहीं तो अजवाइन के जल्दी खराब होने की आंशका रहती है।

अजवाइन पानी या अजवाइन का काढ़ा कैसे बनाना चाहिए?

घर पर आसानी से अजवाइन का पानी बनाया जा सकता है। रात भर एक कप में दो छोटे चम्मच अजवाइन को भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह अजवाइन को उबालें और छानकर ठंडा करें। उसके बाद खाली पेट इसका सेवन करें।

हम आशा करते है की आपको यह विलोग पसंद आएगा

यह विलोग आपको अजवाइन के फ़ायदे और नुकसान बताने के लिए है| पर हम आपको यह भी बताना चाहते है की इसके फ़ायदे और नुकसान सभी के लिए अलग अलग हो सकते है

इसलिए हमारा आपसे निवेदन है की ऐसा प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें

हम आपके अच्छे स्वास्थ की कामना करते है 

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।