बीमारी से संबंधित उपाय एवं टोटके Disease related remedies and tricks in Hindi 

किसी भी बीमारी से ग्रसित होने पर अक्‍सर लोग डॉक्‍टर के पास जाते हैं और उनकी सलाह के अनुसार दवाएं आदि लेते हैं. परंतु कई बार इलाज के बावजूद रोग दूर नहीं होते. बीमारी की मूल वजह दूर किए बिना केवल बाहरी इलाज कराने से ही ऐसे प्रयास बेकार जाते हैं. ऐसे में कुछ उपाय बेहद कारगर सिद्ध हो सकते है।

अगर ज्योतिष के नजरिए से देखें, तो हर तरह के रोगों के मूल कारण इंसान के पूर्व जन्‍म या इस जन्‍म के पाप ही होते हैं अथवा ग्रहबाधा भी कई बार रोगों को ठीक होने से रोकती है ऐसी स्थिति में दवाएं भी काम नही करती इसलिए ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि देवताओं का ध्‍यान-स्‍मरण करते हुए पूर्ण निष्ठा से कुछ विशेष उपायों को करने के बाद दवाओं के सेवन से शारीरिक और मानसिक रोग दूर होते हैं।

१. कोई व्यक्ति रक्तचाप या डिप्रेशन से ज्यादा परेशान है तो उसे रविवार की रात को ३२५ ग्राम दूध सिरहाने रख कर सो जाना चाहिए सोमवार को सुबह उस दूध को कि कीकर या पीपल के पेड़ में डाल देना चाहिए ऐसा ५ रविवार करने से शरीर को आराम मिलता है।

२. किसी रोगी को बुखार आ रहा है और दवा लेने के बावजूद भी ना उतर रहा हों तो एक आंकड़े के पौधे की जड़ को किसी कपड़े में बांधकर उस रोगी के कान से बांध देना चाहिए धीरे-धीरे बुखार उतर जाता है लगातार बुखार रहने पर इच्छा के अनुरूप चीनी चावल दूध एक पेठा लेकर उसे रोगी के ऊपर से ७ बार उल्टा उतार कर किसी धार्मिक स्थान पर लंगर आदि के लिए दान कर देना चाहिए बुखार उतरने लगेगा।

३. यदि टाइफाइड जैसी जानलेवा बीमारी से परेशान हो तो प्रतिदिन नारियल का पानी पीना चाहिए और नारियल को अपने ऊपर से उतार के मंदिर में दान करना चाहिए रोग ठीक होने लग जाता है।

४. किसी बच्चे का स्वास्थ्य बार-बार खराब होता हो तो किसी मंगलवार को कच्चा दूध १ लीटर ११ बार बच्चे के ऊपर से उतार कर किसी भी कुत्ते को शाम को पिला देना चाहिए बच्चे को स्वास्थ्य में लाभ होगा और बच्चा जल्दी स्वस्थ हो जाएगा।

५. यदि किसी बच्चे का स्वास्थ्य बार-बार खराब होता है तो बच्चे के राशि के स्वामी के वार के दिन एक काला धागा लेकर उसमें ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए थोड़ी थोड़ी दूर पर ७ गाठें लगाकर उस धागे को बच्चे के गले में पहना देना चाहिए बच्चे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।

६. किसी व्यक्ति को लंबे समय से बीमारी होने पर उसके शयन कक्ष में पलंग के पास सेंधा नमक किसी कांच की कटोरी में भरकर रख देना चाहिए दवा का असर तेजी से होने लगेगा और व्यक्ति जल्दी स्वस्थ हो जाएगा।

७. यदि किसी व्यक्ति को माइग्रेन या आधा शीशी का दर्द होने पर व्यक्ति को मंगलवार को सूर्योदय के समय किसी चौराहे पर एक गुड़ का डाला लेकर जाना चाहिए वहां पर दक्षिण मुखी खड़े होकर के दांतो से दो टुकड़ों में बांटकर दोनों टुकड़ों को उसी चौराहे पर फेंक देने के बाद बिना पीछे मुड़े वापस आ जाना चाहिए ऐसा लगातार पांच मंगलवार करना चाहिए ऐसा करते समय ना तो किसी से बोलें और ना ही कोई आपको पुकारे यह ध्यान रखना चाहिए अवश्य लाभ होगा और बहुत जल्दी माइग्रेन और आधासीसी का दर्द गायब हो जाएगा।

८. सदा स्वास्थ्य बने रहने के लिए रात्रि को पानी किसी लोटे या गिलास में भर कर रखें सुबह उठकर उसे पीकर बर्तन को उल्टा रख दें तथा दिन में भी पानी पीने के बाद बर्तन को उल्टा रखने से यकृत संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं तथा व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है।

९. हदयविकार या उच्च रक्तचाप के लिए १६ मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है इनके ना मिलने पर ११ मुखी ७ मुखी अथवा ५ मुखी रुद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं रुद्राक्ष को लेकर श्रावण माह में या किसी प्रदोष व्रत के दिन अथवा सोमवार के दिन अभिषेक करा कर गंगा जल से स्नान कराएं रुद्राभिषेक कराएं ओम नमः शिवाय बोलते हुए दूध से अभिषेक करें इस प्रकार रुद्राक्ष को सिद्ध और अभिमंत्रित करवा कर काले डोरे में डालकर गले में पहने।

१०. एक पांच मुखी रुद्राक्ष एक लाल रंग का हकीक सात साबुत डंठल सहित लाल मिर्च को आधा मीटर लाल कपड़े में रखकर व्यक्ति के ऊपर से २१ बार उतार कर इसे किसी नदी या बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें स्वास्थ्य लाभ होने लग जाएगा।

११. किसी भी सोमवार से या प्रयोग करें बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लाए रविवार शाम ५ फूल आधा कप पानी मैं साफ करके भिगो दें सोमवार को प्रातः उठकर फूल को निकाल कर फेंक दे बचे हुए पानी को पी जाएंगे जिस पात्र में पानी पिए उसे उल्टा करके रख दें कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे।

१२. पूर्णिमा के दिन चांदनी में खीर बनाएं ठंडी होने पर चंद्रमा और अपने पितरों को भोग लगाएं कुछ खीर काले कुत्ते को भी खिला दे वर्षभर पूर्णिमा पर ऐसा करते रहने से गृह क्लेश बीमारी तथा व्यापार हानि से मुक्ति मिलती है।

१३. रोगों से मुक्ति के लिए प्रतिदिन अपने भोजन का चौथा हिस्सा गाय को तथा चौथाई हिस्सा कुत्ते को खिलाएं रोगों से मुक्ति रहेगी।

१४. घर में कोई बीमार हो जाए तो उस रोगी को शहद में चंदन मिलाकर चट़ाएं।

१५. पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं पीपल के पेड़ की लकड़ी सिरहाने रखें पत्नी बीमार हो तो गोदान करें जिस घर में स्त्री वर्ग को निरंतर स्वास्थ्य की पीड़ा होती रहती है उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धा पूर्वक देखभाल करके रोग एवं पीड़ाओं से मुक्ति मिल सकती है।

१६. अगर परिवार में कोई व्यक्ति बीमार रहता है लगातार औषधि सेवन के पश्चात भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है तो किसी भी रविवार से आरंभ करके लगातार तीन दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उतार के जल को पौधे में डाल दें पेड़ा को गाय को खिला दें इन ३ दिनों के अंदर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा अगर टोटके की अवधि में रोगी ठीक हो जाता है तो भी प्रयोग को पूरा करना है बीच में रोकना नहीं है।

१७. अमावस्या को प्रातः काल मेहंदी का दीपक पानी मिलाकर बनाएं तेल का दीपक बनाकर ७ उड़द के दाने कुछ सिंदूर दो बूंद दही डालकर एक नींबू की दो फांकी, शिवजी या भैरव जी के चित्र का पूजन कर दीपक जला दें महामृत्युंजय मंत्र की एक माला या बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ कर रोग शोक दूर करने की भगवान से प्रार्थना करें और घर के दक्षिण की ओर दूर सूखे कुएं में नींबू सहित सामग्री डाल दें पीछे मुड़कर नहीं देखें उस दिन एक ब्राह्मण ब्राह्मणी को भोजन कराकर वस्त्र आदि का दान भी कर दें कुछ दिनों तक पक्षियों पशु और रोगियों की सेवा करते रहें इससे घर की बीमारी भूतबाधा मानसिक अशांति निश्चय ही दूर हो जाती है।

१८. अगर बीमार व्यक्ति ज्यादा गंभीर हो तो जो का १२५ ग्राम आटा ले ले उसमें साबुत काले तिल मिलाकर रोटी बनाएं अच्छी तरह सेकलें जिससे वह कच्ची ना रहे फिर उस पर थोड़ा सा तिल्ली का तेल और गुड़ डालकर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से सात बार उतार कर किसी भैसे को खिला दे पीछे मुड़कर ना देखें और ना कोई आवाज लगाएं भैसा कहां मिलेगा इसका पता पहले से ही मालूम करके रखें भैंस को रोटी नहीं खिलानी है केवल भैसे को ही खिलानी है शनि और मंगलवार को ही यह कार्य करें जल्द ही बीमारी दूर हो जाएगी।

१९. शुक्रवार रात को सवा किलो काले साबुत चने भिगोए शनिवार की शाम को काले कपड़े में उन्हें बांध एक कील और काले कोयले का टुकड़ा रखें इस पोटली को किसी तालाब या कुएं में फेंक दें फेंकने से पहले रोगी के ऊपर सात बार उतार दे उल्टा ऐसा ३ शनिवार करें बीमार व्यक्ति शीघ्र ही स्वस्थ हो जाएगा।

२०. सवा सेर गुलगुले बन वाले घर में उनको रोगी पर ७ बार वारकर चीलों को खिला दें सारे गुलगुले या आधे से ज्यादा खा ले तो रोगी ठीक हो जाएगा यह कार्य शनिवार या मंगलवार को ही शाम को ४ से ६ के बीच में करें गुलगुले ले जाने वाले व्यक्ति को कोई टोके नहीं और ना ही वह पीछे मुड़ कर के देखें।

२१. हर मंगलवार और शनिवार को रोगी के ऊपर से एक पाव इमरती को सात बार उतार कर कुत्ते को खिलाने से धीरे-धीरे स्वास्थ्य में आराम मिलता है कार्य कम से कम ७ सप्ताह करना चाहिए बीच में रुकावट ना हो अन्यथा वापस शुरू करना चाहिए।

२२. साबुत मसूर काले उड़द मूंग और ज्वार चारों को बराबर बराबर लेकर साफ करके मिला लें कुल वजन १ किलो ही हो इसको रोगी के ऊपर से सात बार वार कर उनको एक साथ पकाएं जब चारों अनाज पूरी तरह पक जाए तब उसमें तेल गुड़ मिलाकर किसी मिट्टी के दीए में डालकर दोपहर को किसी चौराहे पर रख दें उसके साथ मिट्टी का दिया तेल से भर भरकर जलाएं अगरबत्ती जलाएं फिर पानी से उसके चारों और घेरा बना दें पीछे मुड़कर ना देखें घर आकर हाथ हाथ पैर धोलें बे रोगी ठीक होना शुरू हो जाएगा।

२४. धान कूटने वाला मूसर और झाड़ू रोगी के ऊपर से २१ बार उतार के उसके सिराहने रखें रोगी ठीक होने लग जाएगा।

२५. सरसों का तेल गर्म करके इसमें एक चमड़े का टुकड़ा डालें पुनः गर्म कर इस में नींबू फिट करी कील और काली कांच की चूड़ी डालकर मिट्टी के बर्तन में रखकर रोगी के सिर पर फिर आए इस बर्तन को जंगल में ले जाकर एकांत में गाड़ दें।

२६. घर से बीमारी जाने का नाम ना ले रही हो तो किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर उसे हांडी में पिरोकर रोगी के पलंग के पाए पर बांधने से आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है उस दिन से रोग समाप्त होने लग जाता है।

२७. यदि पर्याप्त उपचार करने पर भी रोग पीड़ा शांत नहीं हो रही हो एक ही रोग प्रकट होकर पीड़ित कर रहा हो तथा उपचार करने पर भी शांत नहीं होता हो ऐसे व्यक्ति को अपने वजन के बराबर गेहूं का दान करना चाहिए रविवार के दिन गेहूं का दान जरूरतमंद व्यक्तियों को ही करना चाहिए।

कोई भी उपाय या टोटका बिना गुरु की आज्ञा या साधक के परामर्श के बिना नहीं करना चाहिए कोई भी उपाय करने से पहले आप अपने गुरु से आज्ञा लेकर करें तो सफलता की संभावना शतप्रतिशत रहती है।

Must Read बिमारियों से बचने के सरल उपाय Simple ways to avoid diseases

डिसक्लेमर 

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।