दीपावली की रात्रि में जपने के लिये प्रभावशाली मन्त्र
दीपावली कि रात्रि जागरण कि रात्रि होती है माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती है और जो भी भक्त रात में जागरण करके सच्चे मन से माता कि आराधना करते है। उनका जीवन खुशियों से भर कर अपने भक्तो के यहाँ स्थाई रूप से निवास करने लगती है। इस महानिशा कि रात्रि में कोई भी पूजा, जाप, प्रयोग अति शीघ्र फलदायी होता है। वस्तुत: यह रात्रि हमारे सपनो को पूर्ण करने वाली, जीवन में सुख समृद्धि भरने वाली, सभी संकटों से रक्षा करने वाली हर प्रकार से रिद्धि सिद्धि प्रदान करने वाली है। अत: जो भी भक्त अपने जीवन में सुखद, स्थाई परिवर्तन लाना चाहते है उन्हें इस रात को जागकर इसका पूर्ण लाभ अवश्य ही उठाए।
यहाँ पर कुछ बहुत ही आसान मंत्रो के प्रयोग बताया जा रहा है जिसके जाप करने से जातक को उसके अभीष्ट लाभ कि निश्चय ही प्राप्ति होगी। इनमे से किसी भी मंत्र को जपने के बाद शरीर एवं आसान शुद्धि के बाद संकल्प जरूरी है जी है संकल्प करना नही आता वो जातक हाथ मे जल लेकर मानसिक रूप से मन मे जो भी कामना हो उसको बोलकर पूजा स्थल पर जल छोड़ दे और पूर्ण भाव के साथ जब तक सामर्थ्य हो निम्न मंत्रो का जाप करे और अंत मे आसान के आगे जल गिराकर उसे माथे पर लगाकर खड़ा हो सकता है।
आर्थिक संकट निवारण हेतु
दीवाली कि रात्रि को यहाँ दिए गए सिद्ध लक्ष्मी यंत्र की कम से कम ग्यारह माला तथा उसके बाद प्रतिदिन एक माला जपने से उस व्यक्ति को कभी भी कोई आर्थिक संकट नहीं होता है।
“ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:॥”
“ॐ श्रीं श्रियै नम: स्वाहा।”
व्यापार में लगातार उन्नति हेतु
दीपावली के दिन हल्दी की 11 गांठों को पीले कपड़े लपेट कर नीचे दिए गए मंत्र की 11 माला का जाप कर उसे धन स्थान पर रखकर रोज़ धूप दिखाने से व्यापार में लगातार उन्नति होने लगती है।
“ॐ वक्रतुण्डाय हुं।”
दरिद्रता निवारण एवं परिवार में सुख-शांति हेतु अचूक मन्त्र
दीपावली में दरिद्रता निवारण एवं परिवार में सुख-शांति हेतु यह एक अचूक मन्त्र दिया जा रहा है। धनतेरस से कार्तिक पूर्णिमा तक रोजाना इसकी ग्यारह या कम से कम 2 माला का जाप करने से भगवान लक्ष्मी नारायण कि कृपा से जातक के उपरोक्त उददेश्य अवश्य ही पूर्ण होते है।
“ॐ श्री हीं क्लीं लक्ष्मी नारायणाय नम:।”
जीवन में आशातीत सफलता हेतु
यह एक अत्यंत प्रसिद्ध और सिद्ध धनदायक मन्त्र है। दीपावली कि रात्रि में इसका जप (ग्यारह माला)अत्यंत फल दायक है।इसके प्रभाव से जातक को धन,यश, सफलता और स्थाई संपत्ति कि शीघ्र ही प्राप्ति होती है। दीवाली के बाद यदि इस मन्त्र कि नित्य एक माला का जाप किया जाय तो व्यक्ति को कभी भी धन का आभाव नहीं होता है।
“ॐ ऐं हीं श्रीं क्लीं सौ: जगत्प्रसूत्यै नम:।”
सर्वमनोकामना पूर्ति हेतु
यह माता का अत्यंत शक्तिशाली मन्त्र है।दीपावली कि रात्रि को ज्यादा से ज्यादा इस मंत्र कि माला का जाप करने एवं दीपावली से नित्य एक माला के जाप से जातक के जीवन कि सभी मनोकामनाएँ अवश्य ही पूर्ण होती है। हर व्यक्ति को इस मन्त्र का जप अवश्य ही करना चाहिए।
“ॐ ऐं हीं क्लीं चामुंडायै विच्चै।”
बाधाओं (संकटो) से रक्षा हेतु माँ काली का अचूक मन्त्र
दीपावली की रात महानिशा कि रात है इस दिन माँ काली कि पूजा अर्चना महाफलदायी मानी गयी है।माँ लक्ष्मी कि पूजा,जप,ध्यान से भगवान शिव कि भी कृपा प्राप्त होती है।इनकी आराधना से जातक कि सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती है। उसे कोई संकट कोई भी आभाव नहीं रहता है।इनकी कृपा से भोग और मोक्ष दोनों ही प्राप्त हो जाते है। माँ काली का नीचे दिए गए मन्त्र का रुद्राक्ष कि माला से जाप करने से व्यक्ति कि सभी बाधाओं से रक्षा होती है।
“क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा।”
“क्रीं क्रीं क्रीं फट स्वाहा।”
कुबेर देव सुख-समृद्धि और धन प्रदान करने वाले देवता माने गए हैं। धर्म शास्त्रो में जीवन में धन, सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए कुबेर देव की आराधना कही गयी है।शास्त्रों के अनुसार कुबेर देव को देवताओं का कोषाध्यक्ष माना गया है।अत: धन प्राप्ति के लिए दीपावली के दिन देवी महालक्ष्मी की आराधना करने के साथ साथ धन के देवता कुबेर का भी पूजन अवश्य ही करना चाहिए।
कुबेर देव का दुर्लभ मंत्र-
ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।
दीपावली की रात्रि में इन्द्र देवता की भी आराधना अवश्य ही करनी चाहिए।इन्द्र देवताओं के राजा है दीपावली में इनकी आराधना से अटूट धन समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इंद्र देव का मन्त्र :-
ॐ सहस्त्रनेत्राय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि तन्नो इन्द्रः प्रचोदयात्॥
इसके अतिरिक्त जिस घर में दीपावली की रात्रि कम से कम 2 पहर में लक्ष्मी सहस्त्रनाम एवं श्री सूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ होता है उस घर में माँ लक्ष्मी का अवश्य ही आगमन होता है। दीपावली की रात्रि में कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ भी अवश्य करे।
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