पान के पत्ते के फायदे और पूजा अनुष्ठान में पान का महत्व एवं टोटके 

पान का पत्ता सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है, यह तो आप जान चुके हैं, चलिए अब हम आपको बताते हैं कि विभिन्न बीमारियों में पान के पत्ते खाने के फायदे क्या हो सकते हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि पान पत्ते हमें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। साथ ही अगर किसी को कोई बीमारी है, तो उसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हां, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो डॉक्टर से उपचार जरूर करवाना चाहिए। सिर्फ घरेलू नुस्खों पर निर्भर रहना सही निर्णय नहीं है।

Benefits of Betel Leaf in Hindi पान के पत्ते के फायदे 

1. भूख को बढ़ाने के लिए 

भूख बढ़ाने में भी पान के पत्ते सहायता कर सकते हैं। एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध एक शोध में बताया गया है कि पान के पत्ते चबाने से भूख बेहतर हो सकती है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है

2. मुंह के छालों के लिए 

एक शोध के मुताबिक, मुंह में मौजूद बैक्टीरिया के खिलाफ पान के पत्ते का अर्क प्रभावी हो सकता है। यही कारण है कि स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक बैक्टीरिया के कारण मुंह में होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल एक नेचुरल एजेंट के रूप में किया जा सकता है इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बैक्टीरिया के कारण मुंह में होने वाले छालों से निजात पाने के लिए खाने का पान उपयोगी हो सकता है।

3. मधुमेह की रोकथाम के लिए पान खाने के फायदे

मधुमेह की समस्या से बचने के लिए पान के पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं। इस संबंध में एनसीबीआई की साइट पर एक रिसर्च पेपर उपलब्ध है। चूहों पर किए गए इस रिसर्च पेपर में बताया गया है कि पान के पत्तों में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक गुण होता है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकता है। यही कारण है कि डॉक्टर की सलाह पर टाइप 2 डायबिटीज में इसका सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे कि अगर कोई मधुमेह से ग्रस्त है, तो उसे डॉक्टर की ओर से दी गई दवाओं का सेवन जरूर करना चाहिए।

4. अच्छे पाचन के लिए 

पाचन संबंधी समस्याओं में भी पान के पत्ते खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। पान के पत्तों को चबाने से पैदा होने वाली लार पाचन कार्यप्रणाली को बेहतर कर सकती है। इसमें प्राकृतिक रूप से डायजस्टिव गुण पाए जाते हैं (6)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध किया जा रहा है

5. खांसी और कंजेशन के लिए 

पान के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भी समृद्ध होता है। पान के पत्ते के ये गुण खांसी से निजात दिला सकते हैं और संक्रमण को दूर कर खांसी के दौरान गले के कंजेशन से छुटकारा यानी गले को साफ करने का काम कर सकते हैं। इसकी पुष्टि एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध विभिन्न रिसर्च पेपर से होती है। इसके अवाला एक अन्य रिसर्च पेपर में साफ तौर से इस बात की जानकारी मिलती है कि कंजेशन और खांसी को रोकने के लिए पान के पत्ते का उपयोग किया जा सकता है

6. शरीर की दुर्गंध दूर करने के लिए 

शरीर की दुर्गंध मिटाने के लिए पान के पत्ते से निकले अर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है। एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध शोध के मुताबिक, इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण शरीर की बदबू दूर करने में मदद कर सकते हैं फिलहाल, इस पर और शोध किया जा रहा है कि किन औषधीय गुणों के कारण पान के पत्ते शरीर की दुर्गंध को कम करने में मदद कर सकते हैं।

7. डेंटल हीलिंग और ओरल हेल्थ के लिए 

पान के पत्ते के फायदे में दांतों को मजबूत करने और ओरल संक्रमण को दूर करने के गुण भी शामिल हैं। एक शोध के अनुसार, बैक्टीरिया के कारण दांतों को होने वाले नुकसान को ठीक करने में पान के पत्ते कारगर दवा के रूप में कार्य कर सकते हैं। साथ ही बैक्टीरिया के कारण होने वाले मुंह के संक्रमण से भी राहत देने का काम कर सकते हैं

8. घावों को ठीक करने के लिए 

पुराने समय से ही पान का पत्ता औषधीय उपयोग के लिए जाना जाता रहा है। इसके औषधीय गुण घाव को जल्द भरने का काम कर सकते हैं। यह हाइड्रॉक्सीप्रोलाइन (कोलेजन में पाया जाने वाला हेटेरोसाइक्लिक प्रोटीन अमीनो एसिड) और सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज (शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने वाला वाला एंटीऑक्सीडेंट) को बढ़ाने में कारगर है, जो घावों को जल्दी भरने में मदद करते हैं। एक शोध के अनुसार, पान के पत्ते से बने अर्क का उपयोग करने से मधुमेह में होने वाले घाव को जल्दी भरा जा सकता है

9. गैस Gas

गैस की समस्या से निजात दिलाने में भी पान खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, पान के पत्तों से निकलने वाले अर्क में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव गुण पाया जाता है, जो गैस की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें पेट के अल्सर को भी ठीक करने के गुण मौजूद होते हैं। पेट से जुड़ी इन समस्याओं के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल सीमित मात्रा में किया जा सकता है। यह जानकारी एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध रिसर्च पेपर में मौजूद है

10. वजन को कम करने के लिए 

वजन कम करने में भी पान के पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, पान के पत्ते का अर्क शरीर में ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता है, जो शरीर के वजन को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसकी खास बात यह है कि यह भूख को प्रभावित किए बिना वजन को संतुलित रख सकता है। इससे शरीर के वजन को संतुलित बनाए रखने में मदद मिल सकती है

11. कैंसर से बचाव के लिए 

कैंसर जैसी गंभीर समस्या से भी बचाव करने में पान के पत्ते सहायक हो सकते हैं। जैसा कि हमने बताया है कि पान के पत्तों के अर्क में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर को पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इसका यह गुण ट्यूमर को बढ़ने से रोकने में भी कारगर साबित हो सकता है। साथ ही यह कैंसर की रोकथाम में भी मदद कर सकता है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि कैंसर जानलेवा बीमारी है। अगर कोई इससे ग्रस्त है, तो उसे घरेलू उपचार की जगह डॉक्टर से उचित इलाज करवाना चाहिए।

12. सूजन के लिए 

जैसा कि हमने लेख के शुरुआत में ही बताया कि पान के पत्ते एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होते हैं। यह गुण सूजन से लड़ने में मदद कर सकता है। यही कारण है कि सूजन से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या से निजात पाने के लिए पान का इस्तेमाल लाभकारी माना जा सकता है।

13. कब्ज के लिए 

पान का पत्ता कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई की साइट पर पब्लिश शोध में बताया गया है कि पान के पत्ते पाचन को ठीक कर कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। वहीं, एनसीबीआई की साइट पर मौजूद एक अन्य रिसर्च पेपर में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि पान का पत्ते का उपयोग कब्ज से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है

14. सिर दर्द के लिए 

सिर दर्द के इलाज के लिए पान के पत्ते का उपयोग किया जा सकता है। इससे जुड़े एक शोध में इस बात का साफ तौर से जिक्र मिलता है कि पान के पत्ते का इस्तेमाल सिर दर्द से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। यही नहीं पान का पत्ता माइग्रेन से भी राहत दिलाने में कुछ हद तक मदद कर सकता है। यह शोध एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित है फिलहाल, यह शोध किया जा रहा है कि पान का पत्ता किस गुण के कारण सिर दर्द से राहत दिलाता है।

15. मुंहासों के लिए 

एक शोध के मुताबिक, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस मुंहासों को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। वहीं, पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर कर मुंहासों को बढ़ने से रोक सकते हैं। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मुहांसों से छुटकारा पाने में पान काफी हद तक कारगर साबित हो सकता है। फिलहाल, इस संबंध में और शोध किया जा रहा है।

Side Effects of Betel Leaf in Hindi  पान के पत्ते के नुकसान 

पान का पत्ता सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है, यह तो आप जान चुके हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। तो चलिए जान लेते हैं कि पान खाने के नुकसान क्या हो सकते हैं

अधिक पान के पत्ते चबाने से हृदय गति, रक्तचाप, पसीना निकलना और शरीर के तापमान में वृद्धि हो सकती है

शोध के अनुसार, पान चबाने से एसोफैगल (खाद्य नली) और मुंह का कैंसर होने की आशंका हो सकती है

अगर गर्भावस्था में पान के पत्तों का सेवन किया जाता है, तो यह भ्रूण और उसके विकास के लिए हानिकारक हो सकता है

अधिक मात्रा में पान के पत्तों का सेवन थायराइड हॉर्मोन के निर्माण को कम या ज्यादा कर सकता है

पूजा अनुष्ठान में पान का महत्व एवं टोटके 

हिन्दू धर्म में पान के पत्ते का विशेष महत्व है। किसी भी पूजा-अनुष्ठान में पान का पत्ता रखना शुभ माना जाता है। पुराणों के अनुसार, केवल एक ही पान के पत्ते में सम्पूर्ण संसार के देवी- देवताओं का वास होता है। इसलिये इसे पूजा साम्रगी में रखना शुभ माना जाता है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि, पान के पत्ते के ठीक ऊपरी हिस्से पर इन्द्र और शुक्र देवता विराजमान है। मध्य हिस्से में मां सरस्वती का वास है तथा मां महालक्ष्मी इस पत्ते के ठीक नीचे वाले हिस्से पर बैठी हैं जो अंत में तिकोना आकार लेता है।

इसके अलावा ज्येष्ठा लक्ष्मी पान के पत्ते के जुड़े हुए भाग पर बैठी है। यह वह भाग है जो पत्ते के दो हिस्सों को एक नली से जोड़ता है। विश्व के पालनहार भगवान शिव पान के पत्ते के भीतर वास करते हैं। भगवान शिव और कामदेव जी का स्थान इस पत्ते के बाहरी हिस्से पर है।

मां पार्वती एवं मंगल्या देवी पान के पत्ते के बाईं ओर रहती हैं तथा भूमि देवी पत्ते के दाहिनी ओर विराजमान है। अंत में भगवान सूर्य नारायण पान के पत्ते के सभी जगह उपस्थित होते हैं।

पान हवन पूजा की महत्वपूर्ण साम्रगी है। हिन्दू धर्म में विशेष माने जाने वाले स्कंद पुराण में भी पान के पत्ते का उल्लेख किया है। बताया गया है कि देवताओं द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया है। तभी से पान का प्रयोग पूजा-अनुष्ठान में किया जाने लगा।

पान के उपाय 1

मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को अच्छे से बनाया गया बीड़ा अर्पित किया जाए तो सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। बीड़ा अर्पित करने का अर्थ है कि अब से हनुमानजी आपका बीड़ा उठाएंगे।

मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को विशेष पान चढ़ाएं। इस दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा गुलकंद, सौंफ आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें।

इस पान में केवल ये पांच चीज़ें डलवाएं: कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और सुमन कतरी। पान बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चूना एवं सुपारी नहीं हो। साथ ही यह पान तंबाकू लगे हाथ से नहीं बनना चाहिए।

हनुमानजी का विधि-विधान से पूजन करने के बाद यह पान हनुमानजी को अर्पण करें और साथ ही प्रार्थना करते हुए कहें, ‘हे हनुमानजी, आपको मैं यह मीठा रस भरा पान अर्पण कर रहा हूं।

इस मीठे पान की तरह आप मेरा जीवन भी रसीला कर दीजिए, मिठास से भर दीजिए’। हनुमानजी की कृपा से कुछ ही दिनों में आपकी हर समस्या दूर हो जाएगी।

Paan Remedies पान के उपाय 2 

पान का दान : ताम्बूल अर्थात पान होता है। पान का दान करने से मनुष्य पापों से छुटकारा पा जाता है, जबकि पान खाने से पाप होता है। वह पाप पान (ताम्बूल) दान करने से नष्ट हो जाता है।

पान के उपाय 3 

नजरदोष : पान का पत्ता नकारात्मक उर्जा को दूर करने वाला और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाला भी माना जाता है इसलिए नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर खिलाएं।

पान के उपाय 4 

भगवान शिव को अर्पित करें विशेष पान : यह बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान शिव को पान भी अर्पित किया जाता है। सावन माह में अगर भगवान शिव को विशेष पान अर्पित किया जाए तो हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।

इस विशेष पान में केवल कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बुरा और सुमन कतरी डली हुई होती है। महादेव का पूजन कर नैवेद्य के पश्चात उनको पान अर्पण करें।

पान के उपाय 5 

बिक्री बढ़ाने का उपाय : यदि आपको ऐसा लगता है कि किसी ने तांत्रिक क्रिया करके आपकी दुकान बांध दी है तो आप शनिवार प्रात: पांच पीपल के पत्ते और 8 पान के साबूत डंडीदार पत्ते लेकर उन्हें एक ही धागे में पिरोकर दुकान में पूर्व की ओर बांध दें। ऐसा कम से कम पांच शनिवार करें। पुराने पत्तों को किसी नदी या कुएं में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से आपकी बिक्री बढ़ेगी।

पान के उपाय 6

सुबह स्नान कर घर के देवालय या श्रीगणेश मंदिर में जाकर मूर्ति के समक्ष एक पान के पत्ते पर सिंदूर में घी मिलाकर या कुमकुम से रंगे चावल से स्वस्तिक बनाएं।

अब उस पर कलावे यानी लाल नाड़े में एक सुपारी लपेटकर रखें। यह श्रीगणेश स्वरूप मानी जाती है। इस सुपारी की पूजा अच्छे से करेंगे तो मंगल होगा।

पान के उपाय 7 

रुके काम शुरू होंगे : यदि आप रविवार को एक पान का पत्ता लेकर घर से बाहर निकलेंगे तो आपके रुके हुए सभी कार्य संपन्न होना शुरू हो जाएंगे।

पान के उपाय 8

विवाह हेतु : होने वाले जीवनसाथी को अपने प्रति आकर्षित करने के लिए तांबूल यानि पान के पत्ते की जड़ को घिसकर तिलक लगाएं। ऐसा करने से विवाह हेतु देखने आए लोग मोहित हो जाएंगे और आपका विवाह पक्का हो जाएगा।

पान के उपाय 9 

होली के दिन का उपाय : घर के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में देशी घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताश और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। इसके बाद होली की ग्यारह परिक्रमा करते हुए सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है तथा हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।

पान के उपाय 10 

पति प्रेम हेतु : शुक्ल पक्ष के प्रारंभ में एक पान का पत्ता लें। उस पर चंदन और केसर का पाउडर मिला कर रखें। फिर दुर्गा माताजी के सामने बैठकर दुर्गा स्तुति में से चंडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें।

पान का पता रोज नया लें। रोज प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें। 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाहित कर दें।

चंडी पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगाकर पति के सामने जाएं। इस उपाय से पति का प्रेम आप पर बना रहेगा।

पान के उपाय 10 

जानें पान का पत्ता चमकाएगा आपकी किस्मत 

पान का पत्ता रखें उस पर सिन्दूर में घी मिलाकर स्वस्तिक बनाएं और उस पत्ते पर कलावे में लपेटी हुई सुपारी रख कर पूजा करनी चाहिए। यह उपाय घर में सफलता के लिए द्वार खोला है।

पान के उपाय 11 

मनोकामना पूरी करने के लिए माँ जगदम्बा को अर्पित करें मीठा पान 

यदि आप भगवती के उपासक हैं तो साधक को चाहिए कि मन में अपनी कामना को कहते हुए शुक्रवार के दिन मां जगदंबे को मीठा पान अर्पित करे। लगातार सात शुक्रवार तक किए गए इस प्रयोग से माँ जरूर प्रसन्न होती हैं और साधक की मनोकामना को पूर्ण करते हुए उसके जीवन को मीठे पान की तरह मिठास से भर देती हैं।

इस लेख को पढ़ने के बाद आप यह तो जान ही गए होंगे कि पान का पत्ता किस प्रकार से सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। साथ ही यहां हमने यह भी बताया कि इसका उपयोग कितने प्रकार से किया जा सकता है। बस ध्यान रहे कि इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करें, नहीं तो इसके नकारात्मक परिणाम भी देखने मिल सकते हैं। सेहत से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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