शनिदेव के प्रमुख मंत्र

जानिए शनिदेव की पूजा करते वक्त किन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है. 

शनि गायत्री मंत्र

ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि ।

शनि बीज मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।।

शनि स्तोत्र

ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम ।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।

शनि पीड़ाहर स्तोत्र

सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: ।

दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: ।।

तन्नो मंद: प्रचोदयात ।।

शनिदेव को प्रसन्न करने वाले सरल मंत्र

1. “ॐ शं शनैश्चराय नमः”

2. “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”

3. “ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।।

दुर्घटनाओं से बचाव के लिए मंत्र

दुर्घटनाओं से बचाव के लिए शनिवार को शनि मंदिर जाकर सरसों का तेल, काले तिल, उड़द की दाल, काले वस्त्र, मिठाई अर्पित कर शनिदेव का स्मरण करें. अब नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें व बाद में तेल का दीया धूप आदि जलाएं व आरती भी करें.

मंत्र

1. ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

2. ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

3. ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

4. कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।

5. सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।

शनि का तंत्रोक्त मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

शनि दोष निवारण हेतु मंत्र

शनि दोष निवारण हेतु प्रभु शिवशंकर के ये मंत्र बहुत शुभकारी होते हैं-

पंचाक्षर मंत्र– ‘ॐ नम: शिवाय ‘

महामृत्युंजय मंत्र– ‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’

दोष निवारण हेतु पांच चमत्कारी मंत्र

1. ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये

2. शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

3. ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

4. ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

5. कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।