भगवान शिव को सर्वशक्तिशाली, कृपालु और दयालु देव माना जाता है. शिव जी पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि शिव जी को एक लोटा जल अर्पित करने से भी वे भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं. शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के शरीर और हाथ में ली गई वस्तुओं का अपना-अपना महत्व है. और उन्हें धारण करने का अलग कारण भी है.

शिव डमरू

यह एक छोटे से आकार का डमरू भगवान शिव के हाथ में रहता है और इसीलिए भगवान शिव को “डमरू हस्त” कहा जाता है। डमरू के दो अलग-अलग भाग एक पतले गले जैसी संरचना से जुड़े होते हैं। डमरू के अलग-अलग भाग अस्तित्व की दो भिन्न परिस्थिति “अव्यक्त” और “प्रकट” का प्रतिनिधित्व करता है। जब डमरू हिलता है तो इससे ब्रह्मांडीय ध्वनि “नाद” उत्पन्न होता है जो गहरे ध्यान के दौरान सुना जा सकता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, “नाद” सृजन का स्रोत है। डमरू भगवान शिव के प्रसिद्ध नृत्य “नटराज” का अभिन्न भाग है, जो शिव की प्रमुख विशेषताओं में से एक है।

शिव डमरू

जब डमरू बजता है तो उसमें से 14 तरह के साऊंड निकलते हैं। पुराणों में इसे मंत्र माना गया।

यह साऊंड इस प्रकार है:- ‘अइउण्‌, त्रृलृक, एओड्, ऐऔच, हयवरट्, लण्‌, ञमड.णनम्‌, भ्रझभञ, घढधश्‌, जबगडदश्‌, खफछठथ, चटतव, कपय्‌, शषसर, हल्‌।

उक्त आवाजों में सृजन और विध्वंस दोनों के ही स्वर छिपे हुए हैं।

डमरू बजाने के लाभ 

पुराणों अनुसार भगवान शिव के डमरू से कुछ अचूक और चमत्कारी मंत्र निकले थे।

कहते हैं कि यह मंत्र कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं।

कोई भी कठिन कार्य हो शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है।

उक्त मंत्र या सूत्रों के सिद्ध होने के बाद जपने से सर्प, बिच्छू के काटे का जहर उतर जाता है।

ऊपरी बाधा हट जाती है। माना जाता है कि इससे ज्वर, सन्निपात आदि को भी उतारा जा सकता है।

शिव डमरू के रहस्य 

डमरू की ध्वनि जैसी ही ध्वनि हमारे भीतर भी बजती रहती है।

इसे अ, उ और म या ओम कहते हैं। हृदय की धड़कन और ब्रह्मांड की आवाज में भी डमरू के स्वर मिले हुए हैं।

रिसर्च अनुसार डमरू की आवाज लय में सुनते रहने से मस्तिष्क को शांति मिलती है और हर तरह का तनाव हट जाता है।

इसकी आवाज से आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां भी दूर हो जाती है।

डमरू भगवान शिव का वाद्ययंत्र ही नहीं यह बहुत कुछ है।

इसे बजाकर भूकंप लाया जा सकता है और बादलों में भरा पानी भी बरसाया जा सकता है।

डमरू की आवाज यदि लगातर एक जैसी बजती रहे तो इससे चारों और का वातावरण बदल जाता है।

यह बहुत भयानक भी हो सकता है और और सुखदायी भी।

डमरू के भयानक आवाज से लोगों के हृदय भी फट सकते हैं।

कहते हैं कि भगवान शंकर इसे बाजाकर प्रलय भी ला सकते हैं।

यह बहुत ही प्रलयंकारी आवाज सिद्ध हो सकती है।

डमरू की आवाज में कई रहस्य छिपे हुए हैं।

।।हरहर महादेव।।

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