आज आप बहुत ही सरल विधि से घर पर अपने परम भगवान कृष्ण के प्रकट महोत्सव पूजन कर सकते हैं 

शुभ जन्माष्टमी का व्रत एकादशी के जैसे ही रखना चाहिए फलाहार करके ज्यादातर भक्त लोग कृष्ण जन्म के बाद ही फलाहार करते हैं कुछ भक्त लोग जल भी नहीं लेते कृष्ण जन्म के बाद ही जल लेते हैं। अन्नं प्रसाद ठाकुर को भोग लगा कर आप अगले दिन लीजिए।

पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की एक सूची यहां दी गई है।

सर्वप्रथम अभिषेक के लिए:

दही, शहद, दूध, घी, गंगा जल हो या यमुना जल,

एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, 

बाल कृष्ण की मूर्ति (श्री विग्रह)

दीपक, धूपबत्ती, चंदन,

ठाकुर जी का भोग:

माखन, मिश्री, भोग सामग्री , धनिए की पंजीरी ठाकुर जी को विशेष रूप से भोग लगाया जाता है।

तुलसी का पत्र, फूल,

कान्हा के श्रृंगार के लिए: 

पीले वस्त्र और मोरपंख, बांसुरी और मुकुट, इत्र 

पूजन विधि:

1. बाल कृष्ण को दूध से स्नान कराएं.

2. इसके बाद बारी-बारी से दही, घी, शहद से नहलाएं.

3. इसके बाद आखिर में गंगाजल से या यमुना जल से स्नान कराएं. इन सभी चीजों से बाल गोपाल का स्नान कराने के बाद उसे फेकें नहीं. बल्कि उसे पंचामृत के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

4. स्नान के बाद बाल गोपाल को बच्चे की तरह सजाएं, श्रृंगार करे

5. सबसे पहले बाल गोपाल को लंगोट पहनाएं और उसके बाद उन्हें वस्त्र पहनाएं.

6. इसके बाद उन्हें गहने पहनाए फूल, तुलसी अर्पित करे, इत्र रुई में लगा कर ठाकुर जी के समीप रखे।

7. परम भगवान कृष्ण को उनके शुद्ध भक्त वैष्णव संप्रदाय के आचार्यों का लिखित भजन गाकर सुनाए

और चंदन और अक्षत से तिलक लगाएं.

8. धूप, दीप दिखाएं महा आरती करें आरती गाए और माखन मिश्री, खीर, पूरी, मिठाई, हलुआ,और तुलसी पत्ता का भोग लगाएं. सभी भोग में एक एक तुलसी पत्र अवश्य डाले।

9. अब बाल गोपाल को झूले पर बिठाकर झुलाएं।

10. जन्माष्टमी के दिन भक्त लोग रातभर जग कर हरि नाम संकीर्तन करते हैं।

जितना हो सके हरे कृष्ण महामंत्र का इस शुभ दिन जाप कर सकते हैं करिए।

जो कुछ करिए सब प्रेम से करिए…

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। 

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