दूसरों को या स्वयं को कष्ट देकर ईश्वर को प्रसन्न नहीं किया जा सकता
दूसरों को या स्वयं को कष्ट देकर ईश्वर को प्रसन्न
दूसरों को या स्वयं को कष्ट देकर ईश्वर को प्रसन्न
आपके पास जो उच्चतम चीजें हैं, उनका कुछ अंश दूसरों
आंखों को तेरी आदत है तू दिखे ना तो इन्हें
अगर हमारी भावना और कर्म सही है, तो कुछ भी
गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि जिस प्रकार अग्नि
जब आप भक्ति के मार्ग पर चलते हो तो इसका
जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा अच्छा होगा स्वयं को मुझ
भगवान कृष्ण के शुद्ध भक्त का सम्मान करना कृष्ण का
भगवान कृष्ण के 6 अमोघ वचन भगवद्गीता में भगवान कृष्ण
यह बिलकुल सत्य है कि दूसरों के साथ हम