इस संसार में अगर हम भगवान के अस्तित्व को मानते हैं तो इसके साथ हमें बुरी आत्माओं का डर भी होता है. यही डर हमें कई बार इतना सताने लगता है कि हमें जिंदगी से भी डर लगने लगता है. लेकिन कहते हैं ना हर दर्द की एक दवा होती है, उसी तरह आपके डर की भी दवा है. डर और भय को दूर भगाने का सबसे अच्छा उपाय है बजरंग बाण
भौतिक मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये बजरंग बाण (Hanuman Bajrang Baan) के अमोघास्त्र का विलक्षण प्रयोग किया जाता है. कहा जाता है कि बजरंग बाण का पाठ करने से बड़ी से बड़ी परेशानी भी दूर हो जाती है.
बजरंग बाण के लाभ Benefits of Bajrang Ban
कलयुग में सबसे चर्चित, प्रभावशाली व शीघ्र फल प्रदान करने वाले हनुमान जी है। हनुमान जी की आराधना करने में नियम, संयम का पालन करना बहुत जरूरी होता है।
नियम, संयम में त्रुटि होने पर हनुमान दण्ड अवश्य देते है, इसलिए हनुमान जी की अराधना करने में किसी भी प्रकार का दुव्र्यसन न करें।
संकट को हरने वाले हनुमान जी के अनेक रूप है। उनमें से एक है वज्र रूप। वज्र रूप वाले हनुमान जी को बजरंगबली कहा जाता है। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करें।
बजरंग बाण का पाठ करने से क्या-क्या लाभ मिलता है ?
पूजन विधि- अपने इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगल अथवा शनिवार का दिन चुन लें। हनुमान जी का एक चित्र या मूर्ति जप करते समय सामने होनी चाहिए। बैठने के लिए कुशासन का प्रयोग करें। अनुष्ठान करने के लिए शुद्ध स्थान तथा शान्त वातावरण होना आवश्यक है।
घर में यदि सुलभ न हो तो किसी मन्दिर में पाठ कर सकते है। हनुमान जी के अनुष्ठान में दीपदान का विशेष महत्व होता है।
गेंहू, चावल, मूंग, उड़द व काले तिल
पांचों अनाजों (गेंहू, चावल, मूंग, उड़द व काले तिल) को अनुष्ठान से पूर्व एक-एक मुठठी मात्रा में लेकर शुद्ध गंगाजल में भिगो दें। अनुष्ठान वाले दिन इन अनाजों को पीसकर उनका दीपक बना लें। बत्ती के लिए अपनी लम्बाई के बराबर कलावे का एक धागा लेकर इसे पांच बार मोड़ लें।
हनुमान जी को गूगुल की धूनी सबसे प्रिय
इस प्रकार के धागे की बत्ती बनाकर उसे सुगन्धित तेल में डालकर प्रयोग करें। समस्त पूजन काल में यह दीपक जलता रहना चाहिए। हनुमान जी को गूगुल की धूनी सबसे प्रिय है। जप के प्रारम्भ में संकल्प अवश्य लेना चाहिए कि मनोकामना पूर्ण होने पर हम हनुमान जी के निमित्त कुछ न कुछ करते रहेंगे। अब शुद्ध उच्चारण से हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण जाप करें।
बजरंग बाण का पाठ करने के लाभ
यदि आप शत्रुओं व विरोधियों से बहुत परेशान है तो प्रत्येक मंगलवार को 11 बार बजरंग बाण का पाठ करें।
बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से आत्म-विश्वास व साहस में वृद्धि होती है।
ह्रदय रोगियों व ब्लड प्रेशर के रोगियों को बजरंग बाण का पाठ करने से स्वास्थ्य में विशेष लाभ होता है।
जो बच्चे कमजोर है या किसी को काम को करने से पहले डर से जाते है, उन्हें बजरंग बाण का पाठ करवाना चाहिए।
अगर हर कार्य में अड़गे लग रहे है तो शनिवार के दिन 21 बार बजरंग बाण का पाठ करने से फायदा होता है।
अगर आप कहीं साक्षात्कार देने जा रहे है तो 5 बार बजरंग बाण का पाठ करके जाइये सफलता मिलेगी।
यदि आपके व्यापार में निरंतर हानि हो रही है तो अपने व्यापार स्थल पर लगातार 8 मंगलवार बजरंग बाण का पाठ करें या किसी योग्य कर्मकाण्डी पंडित से करवायें। लाभ अवश्य मिलेगा।
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